The 5-Second Trick For Shodashi
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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥
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Goddess is commonly depicted as sitting around the petals of lotus that may be retained about the horizontal entire body of Lord Shiva.
The Chandi Path, an integral A part of worship and spiritual practice, In particular through Navaratri, is not really merely a text but a journey in by itself. Its recitation is a robust Software inside the seeker's arsenal, aiding while in the navigation from ignorance to enlightenment.
The exercise of Shodashi Sadhana can be a journey towards each pleasure and moksha, reflecting the twin mother nature of her blessings.
नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।
नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः
हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।
वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।
The worship of Goddess Lalita is intricately connected Using the pursuit of the two worldly pleasures and spiritual emancipation.
प्रासाद उत्सर्ग विधि website – प्राण प्रतिष्ठा विधि